SRI TIKA RAM KANYA MAHAVIDYALAYA, ALIGARH

STRKM Prashasti

यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवताः -2
हम सकल विश्व को स्मृति का ये महामंत्र सिखलायेंगे-2
हम नवल रश्मि, नव ज्ञान-दीप आलोकित जग कर जायेंगे।
विद्यालय के इस परचम को अम्बर में जा फहरायेंगे।
विद्येव बलम्-2, ज्ञानं परमं ध्येयं ।।-2
यदि एक चरण हो बंधन में दूजा कैसे बढ़ पायेगा,
नारी को किया सुशिक्षित तो परिवार स्वयं बढ़ जायेगा,
उस दिव्य दृष्टि को कोटि नमनचिर ऋणी आज हर नारी है,
हे टीकाराम जी युग द्रष्टा स्त्री समाज आभारी है,
जो स्वप्न आपने देखे थे सच करके उन्हें दिखायेंगे।
विद्येव बलम्-2, ज्ञानं परमं ध्येयं ।।-2
हम श्री तनया, हम शक्ति सुता, माता है अपनी ब्रह्माणी,
हम सृजन शक्ति, हम संहारी, दुर्गा-काली माँ कल्याणी,
कर्तव्य-मार्ग और राष्ट्र-धर्म से हम न कभी मुँह मोड़ेगे।
नारी की गौरव-गाथा में अध्याय नये नित जोड़ेंगे,
यश की सुगन्ध से भारत का कोना-कोना महकायेंगे।
विद्येव बलम्-2, ज्ञानं परमं ध्येयं ।। -
यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवताः-2
हम सकल विश्व को स्मृति का ये महामंत्र सिखलायेगे-2
हम नवल-रश्मि, नव ज्ञान-दीप आलोकित जग कर जायेंगे।
विद्येव बलम्-2, ज्ञानं परमं ध्येयं ।।-2